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| यज़ीदी फौजियों को क़ूवते हैदर बता देते |
यज़ीदी फौजियों को क़ूवते हैदर बता देते
रज़ा ए हक़ ना होती तो अली असग़र बता देते।
भड़कती आग के शोलों से भी पानी निकल आता
अगर असग़र ख़ुदा ए पाक से रो कर बता देते।
ना होता इम्तिह़ाने सब्र तो ऐ दिन के दुश्मन
तेरी औक़ात तो शब्बीर के नौकर बता देते।
नात ख़्वां: मोहम्मद अली फैज़ी
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