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| सदा इस्लाम चमका है सदा इस्लाम चमकेगा |
सदा इस्लाम चमका है सदा इस्लाम चमकेगा
मुह़म्मद मुस्तफा सल्लै अ़ला का नाम चमकेगा।
बरोज़े हश्र जब मजमा लगेगा हौज़े कौसर पर
शहीदों की तजल्ली से हमारा जाम चमकेगा।
ना घबराओ मुसलमानो भरोसा रख्खो आक़ा पर
कि ज़ालिम मिटने वाला है हमारा नाम चमकेगा।
अगर इसमें मुह़म्मद मुस्तफा का नूर आ जाये
सितारों की तरह मेरा, दिले नाकाम चमकेगा।
ये कुफ्रों शिर्क की काली घटाएं क्या बिगाड़ेंगी
कि सूरज़ की तरह क़ुरान का पैगाम चमकेगा।
ना डूबा है ना डूबेगा सितारा उनकी शोहरत का
ब-फ़ज़ले रब मेरे अहमद रज़ा नाम चमकेगा।
शायर: असद इक़बाल
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